ADG कुंदन कृष्णन के बयान पर मचा बवाल, किसानों से मांगी माफ़ी
पटना, बिहार:
बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन अपने हालिया बयान को लेकर विवादों में घिर गए हैं। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि "अप्रैल-जून के महीनों में किसानों के पास काम नहीं होता, इसलिए इस दौरान अपराध की घटनाएं ज्यादा होती हैं।"
इस बयान को लेकर पूरे बिहार में हड़कंप मच गया। किसान संगठनों और आम लोगों ने इसे "किसानों का अपमान" करार देते हुए तीव्र विरोध दर्ज कराया। सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से वायरल हुआ और एडीजी के बयान की आलोचना की बाढ़ आ गई।
कई राजनीतिक दलों ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े किए। RJD, कांग्रेस, और अन्य विपक्षी दलों ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर बैठा अधिकारी अगर इस तरह की टिप्पणी करता है, तो यह सोचनीय है।
एडीजी ने दी सफाई, कहा— माफ़ी चाहता हूं
बवाल बढ़ता देख एडीजी कुंदन कृष्णन ने सफाई दी। उन्होंने कहा:
> "मेरे वक्तव्य को गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। मेरा उद्देश्य किसी वर्ग विशेष को ठेस पहुंचाना नहीं था। यदि मेरे बयान से किसी किसान भाई को दुःख पहुंचा है, तो मैं उनसे माफी मांगता हूं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनका बयान आंकड़ों के आधार पर था, न कि किसी समुदाय पर आरोप लगाने के लिए।
क्या कहते हैं किसान और जानकार?
बिहार के कई किसान संगठनों ने माफी को "देर से आया लेकिन जरूरी कदम" बताया, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अधिकारी वर्ग को अपनी भाषा और सोच में बदलाव लाना चाहिए।
किसान नेता धीरेंद्र यादव ने कहा,
"किसान साल भर काम करता है, और उसी की मेहनत से ये देश चलता है। उसे अपराधी बताना निंदनीय है।"
वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व डीजीपी भी इस मुद्दे पर सामने आए और कहा कि ऐसे संवेदनशील विषयों पर बोलते समय भाषा की सावधानी बहुत जरूरी है।
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